Origin: U.S.A.
(Import costs included in the price)
It will be shipped from our warehouse between Wednesday, July 24 and Wednesday, July 31.
You will receive it anywhere in United Kingdom between 1 and 3 business days after shipment.
मोहनजोदरो की नृत्यांगना (in Hindi)
Gupta, Mohanlal
Synopsis "मोहनजोदरो की नृत्यांगना (in Hindi)"
इस उपन्यास को पहली बार मिनर्वा पब्लिकेशन द्वारा वर्ष 2003 में 'संघर्ष' शीर्षक से प्रकाशित किया गया था जिसे वर्ष 2006 में मारवाड़ी सम्मेलन मुंबई द्वारा सर्वश्रेष्ठ हिन्दी उपन्यास का पुरस्कार दिया गया। रहस्य एवं रोमांच से भरपूर इस ऐतिहासिक उपन्यास को पाठकों द्वारा खूब सराहा गया। अब इसका प्रकाशन 'मोहेनजोदरो की नृत्यांगना' शीर्षक से किया जा रहा है। यह उपन्यास दस हजार साल पहले के भारत में सिंधुघाटी की द्रविड़ सभ्यता, सरस्वती घाटी की वैदिक आर्य सभ्यता एवं दूर-दूर तक विस्तृत नाग, वानर, गरुड़ एवं पिशाच आदि विभिन्न सभ्यताओं के बीच सम्बन्धों एवं संघर्षों पर लिखा गया है। उपन्यास का कथानक मोहनजोदरो की खुदाई में प्राप्त एक नृत्यांगना की मूर्ति पर केन्द्रित है जो अपनी मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार से प्रेम करती है। मोहनजोदरो का मुख्य पुजारी मूर्तिकार को देश से निकाल देता है। इस रोचक उपन्यास को पढ़ना आरम्भ करेंगे तो पूरा करे बिना नहीं उठ सकेंगे।