Millions of books in English, Spanish and other languages. Free UK delivery 

menu

0
  • argentina
  • chile
  • colombia
  • españa
  • méxico
  • perú
  • estados unidos
  • internacional
portada 21 Shreshtha Kahaniyan (21 श्रेष्ठ कहानियां)
Type
Physical Book
Publisher
Language
Hindi
Pages
182
Format
Paperback
Dimensions
21.6 x 14.0 x 1.1 cm
Weight
0.24 kg.
ISBN13
9789355990693
Categories

21 Shreshtha Kahaniyan (21 श्रेष्ठ कहानियां)

Suryakant Tripathi (Author) · 'Nirala' (Author) · Diamond Books · Paperback

21 Shreshtha Kahaniyan (21 श्रेष्ठ कहानियां) - 'Nirala' ; Tripathi, Suryakant

Out of Stock

Synopsis "21 Shreshtha Kahaniyan (21 श्रेष्ठ कहानियां)"

सूर्यकान्त त्रिपाठी "निराला' का जन्म बंगाल की महिषादल रियासत (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल ११, संवत् १९५५, तदनुसार २१ फरवरी, सन् १८९९ में हुआ था। वसंत पंचमी पर उनका जन्मदिन मनाने की परंपरा १९३० में प्रारंभ हुई। निराला की शक्ति यह है कि वे चमत्कार के भरोसे अकर्मण्य नहीं बैठ जाते और संघर्ष की वास्तविक चुनौती से आँखें नहीं चुराते। कहीं-कहीं रहस्यवाद के फेर में निराला वास्तविक जीवन-अनुभवों के विपरीत चलते हैं। हर ओर प्रकाश फैला है, जीवन आलोकमय महासागर में डूब गया है, इत्यादि ऐसी ही बातें हैं। लेकिन यह रहस्यवाद निराला के भावबोध में स्थायी नहीं रहता, वह क्षणभंगुर ही साबित होता है। अनेक बार निराला शब्दों, ध्वनियों आदि को लेकर खिलवाड़ करते हैं। इन खिलवाड़ों को कला की संज्ञा देना कठिन काम है। लेकिन सामान्यत वे इन खिलवाड़ों के माध्यम से बड़े चमत्कारपूर्ण कलात्मक प्रयोग करते हैं। इन प्रयोगों की विशेषता यह है कि ये विषय या भाव को अधिक प्रभावशाली रूप में व्यक्त करने में सहायक होते हैं। निराला के प्रयोगों में एक विशेष प्रकार के साहस और सजगता के दर्शन होते हैं। यह साहस और सजगता ही निराला को अपने युग के कवियों में अलग और विशिष्ट बना&#

Customers reviews

More customer reviews
  • 0% (0)
  • 0% (0)
  • 0% (0)
  • 0% (0)
  • 0% (0)

Frequently Asked Questions about the Book

All books in our catalog are Original.
The book is written in Hindi.
The binding of this edition is Paperback.

Questions and Answers about the Book

Do you have a question about the book? Login to be able to add your own question.

Opinions about Bookdelivery

More customer reviews